मध्यप्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती में अतिथि विद्धानों के लिए 25 फीसदी पद आरक्षित कर दिए गए हैं। आयु सीमा में भी 1 से 10 वर्ष तक छूट दी गई है। बशर्ते, उन्होंने एक शैक्षणिक सत्र में अध्यापन कराया या 4 अंक अर्जित किए हों।
अतिथियों को इस आरक्षण का लाभ अगली तीन भर्तियों तक ही मिलेगा। इनमें से दो परीक्षाएं इसी साल (मई-अक्टूबर 2025) में प्रस्तावित हैं। ये परीक्षा 1923 पदों के लिए होगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने 'मध्य प्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) सेवा भर्ती नियम 1990' में संशोधन किया है।
प्रदेश में असिस्टेंट प्रोफेसर के 3675 पद रिक्त प्रदेश में प्राध्यापक के 457 और सहायक प्राध्यापक के 3675 पद रिक्त हैं। वहीं प्रदेश के कॉलेजों में 2 दशक से भी अधिक समय से 4500 अतिथि विद्वान पढ़ा रहे हैं। उन्हें प्रतिदिन 2000 रुपए के मान से मानदेय दिया जाता है। उन्हें अधिकतम 25 दिन का 50 हजार रुपए मानदेय देने का प्रावधान है।
मई में इन विषयों के लिए होगी परीक्षा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर सहायक प्राध्यापक (क्रीड़ा अधिकारी, प्राणी शास्त्र, भौतिक शास्त्र, राजनीति शास्त्र, गणित, हिंदी, भूगोल, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, भौतिक रसायन, वाणिज्य रसायन शास्त्र, इतिहास, समाज शास्त्र, कम्प्यूटर विज्ञान विषय) के लिए मई में परीक्षा आयोजित करेगा।
अतिथि विद्वान संघ बोला-1125 विद्वानों को ही लाभ अतिथि विद्यान संघ के अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने कहा कि सरकार ने 25% आरक्षण देकर अतिथियों को दिए जाने वाले लाभ को सीमित कर दिया है। यानी 1125 विद्वानों को ही लाभ मिल पाएगा।20-20 साल से अतिथि कार्यरत हैं। उनका, योग्यता एवं अनुभव के आधार पर पुनर्वास किया जाना चाहिए।
सिंह ने कहा कि 28 साल बाद 2017 में परीक्षा कराई गई थी। ऐसा ही आगे हुआ तो हम कभी नियमित नहीं हो पाएंगे। वर्तमान में कार्यरत अतिथि विद्वानों की उम्र 45 से 50 साल हो गई है।
वे कहते हैं कि 4500 में से 3650 अतिथि विद्वान यूजीसी के मापदंड पूरे करते हैं। उन्हें तो किसी परीक्षा में बैठने की जरूरत ही नहीं है।
11 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महापंचायत बुलाई थी। जिसमें कई वादे किए गए थे। उसमें से 'हटाया नहीं जाएगा' भी एक वादा था। जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।