366 आरक्षण के पेंच मे फसी रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती ---


रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में फंसा आरक्षण का पेंच , इस तरह होगा फैसला

जबलपुर की रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर सहित एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर भर्ती आरक्षण के पेंच के चलते 2021 से रुकी हुई है अब इस मामले का फैसला हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज सहित पांच मेंबरों की कमेटी के लिए फैसले के आधार पर होगा

2021 में निकली थी बैकलॉग पदों की भर्ती

जबलपुर की रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में साल 2021 मैं एसोसिएट प्रोफेसर असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती और प्रोफेसर बैकलॉग पदों को भरने के लिए निकली गई थी आरक्षण के नियमों का पालन न करने के कारण यह भर्ती भी अभी तक कानूनी पचड़े में फंसी हुई है भर्ती विज्ञापन में नहीं हुआ था नियमों का पालन 
साल 2021 में असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर प्रोफेसर कि भर्ती  के जो विज्ञापन जारी किए गए थे उसमें आरक्षित वर्ग के साथ ही दिव्यांग जनों के लिए पदों की संख्या निर्धारित नहीं की गई थी इस भर्ती विज्ञापन की शिकायत डिसेबिलिटी कमिश्नर के पास की गई थी जिसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए उन्हें यह आदेश किया था कि इस विज्ञापन को संशोधित कर आरक्षित वर्गों सहित दिव्यांगजन ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के पदों की जानकारी दी जाए 18 अप्रैल 2023 को यूनिवर्सिटी के द्वारा दोबारा संशोधित विज्ञापन निकाला गया जिसमें आरक्षित वर्ग सहित महिलाओं और दिव्यांग जनों के लिए पदों की जानकारी दी गई इस संशोधित विज्ञापन के जारी करने तक लगभग 50% भर्ती  प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी

नए विज्ञापन को भी दी गई चुनौती 

कुछ अभ्यर्थियों द्वारा इस नए जारी किए गए विज्ञापन को इस आधार पर चुनौती दी गई की भर्ती नियमों में बदलाव हो चुका है हालांकि हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया की भर्ती नियमों में कोई भी बदलाव नहीं हुआ है और केवल पदों को कैटिगरीज किया गया है इस आधार पर या याचिका खारिज कर दी गई थी। अब दायर की गई याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि नए विज्ञापन को जारी करते हुए रोस्टर को फॉलो नहीं किया गया इसके साथ ही एसटी एससी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण की नीतियों का भी उल्लंघन किया गया है

अब पांच मेंबर्स की कमेटी लेगी निर्णय

इस मामले में हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए पिछले आदेश के अनुसार पांच मेंबर्स की कमेटी गठित की गई है जैसे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज हेड कर रहे हैं सरकार की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि इस कमेटी के पास पक्ष एवं विपक्ष दोनों तरह की शिकायतें आ रही हैं और इस कमेटी को लगभग 4 माह का समय दिया जाए ताकि कमेटी दोनों पक्षों को सुनकर अपना अंतिम फैसला कोर्ट के समक्ष पेश कर सके हालांकि कोर्ट ने चार महीने के समय को जादा मानते हुए 2 महीने का समय देकर यह आदेश दिया है कि 2 महीने के भीतर इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी जिस पर अंतिम फैसला हाई कोर्ट करेगा

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