372 उच्च शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, सरकारी कॉलेजों में ‘सार्थक एप’ से घर बैठे अटेंडेंस लगाने वाले 4 शिक्षक सस्पेंड


मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों में ‘सार्थक एप’ के जरिए घर बैठे उपस्थिति दर्ज करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस लापरवाही के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने चार शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने इन शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि अब सरकारी सिस्टम में डिजिटल माध्यम का दुरुपयोग करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी
जानकारी के अनुसार ये मामला तब सामने आया, जब मीडिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि कई सरकारी कॉलेजों के फैकल्टी और प्राचार्य ‘सार्थक एप’ के जरिए अपने घर से ही अटेंडेंस लगा रहे कर रहे थे, जबकि वे कॉलेज की उपस्थिति रजिस्टर में भी मौजूद नहीं थे। यह एप उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेज स्टाफ की उपस्थिति ट्रैक करने के लिए लाया गया था ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई जा सके। लेकिन कुछ शिक्षकों ने इसी एप का गलत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
इस मामले में सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। इसमें जबलपुर के डॉ. राजीव शुक्ला सहायक प्राध्यापक (इतिहास), इन्होंने अपने निवास स्थान से सार्थक एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की, जबकि वे कॉलेज परिसर में मौजूद नहीं थे। निलंबन की अवधि में इनका मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय, जबलपुर तय किया गया है। वहीं दूसरा नाम गंजबासौदा शासकीय कन्या महाविद्यालय के सोहन कुमार यादव प्रभारी प्राचार्य का है। इन्होंने भी इसी तरह अनुपस्थित रहते हुए डिजिटल माध्यम से हाजिरी लगाई। तीसरा नाम सिरोंज के लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज के साधना कुमार झा सहायक प्राध्यापक हैं। इन पर भी कॉलेज में मौजूद न रहते हुए अटेंडेंस लगाने का आरोप है। चौथा नाम श्योपुर शासकीय विधि महाविद्यालय की सुनीता यादव प्रभारी प्राचार्य का है। इनके खिलाफ भी यही आरोप साबित हुआ है।
यह मामला 18 जुलाई उजागर हुआ। जिसमें पाया गया कि कुछ शिक्षक बनियान पहनकर घर में बैठे-बैठे ही अटेंडेंस दर्ज कर रहे हैं, और कॉलेज आकर पढ़ाने की जिम्मेदारी से बच रहे हैं। जांच के बाद पुष्टि हुई कि संबंधित फैकल्टी सदस्यों ने एप का दुरुपयोग किया है।

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