381 90 लाख की धोखाधड़ी की आरोपी साध्वी लक्ष्मीदास गिरफ्तारः एक साल से फरार थी; महंत का उत्तराधिकारी बनकर मंदिर के रुपए हड़पने का आरोप


छिंदवाड़ा में कनकधाम से जुड़ी करीब 90 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले में एक साल से फरार रीना रघुवंशी उर्फ साध्वी लक्ष्मीदास पुलिस की गिरफ्त में आ गई है। सोमवार देर शाम चौरई पुलिस ने उसे नर्मदापुरम जिले के चांदपुर गांव से गिरफ्तार कर लिया।

आरोप है कि कनकधाम के महंत कनकबिहारी दास की मृत्यु के बाद रीना ने उनके बैंक अकाउंट से 90 लाख रुपए निकाल लिए। वह खुद को महंत कनकबिहारी का उत्तराधिकारी बता रही है। वहीं, नए महंत श्याम दास महाराज का दावा है कि कनकबिहारी दास ने अपने जिंदा रहते बनाई गई वसीयत में उन्हें उत्तराधिकारी घोषित किया है। साध्वी ने तो महंत की मृत्यु के बाद जालसाजी करके उनका मोबाइल नंबर इश्यू कराया और श्रीराम जानकी मंदिर समिति के 90 लाख रुपए हड़प लिए।

महंत श्याम दास महाराज के अनुसार, स्व. कनकबिहारी दास ने मंदिर के लिए 1 करोड़ रुपए दान देने की घोषणा की थी, लेकिन उनके निधन के बाद बैंक खाते में जमा 90 लाख रुपए अचानक गायब हो गए। चौंकाने वाली बात यह रही कि स्वर्गीय महंत ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया था, इसके बावजूद बैंक से इतनी बड़ी रकम निकाल ली गई।

मामले की एफआईआर 16 जुलाई 2024 को चौरई थाने में दर्ज कराई गई थी। 
सरपंच का चुनाव लड़ चुकी है रीना

साध्वी लक्ष्मीदास उर्फ रीना रघुवंशी का परिवार विदिशा के खेजड़ा तिला गांव का रहने वाला है। फिलहाल भोपाल के कोलार में आईबीडी कैंपस के एक फ्लैट में रहता है। रीना 2022 में खेजड़ा तिला गांव से सरपंच का चुनाव भी लड़ चुकी है।

रीना तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। उसकी पढ़ाई विदिशा में हुई है। छोटी बहन की शादी भोपाल में हुई थी। उसके पति फार्मा इंडस्ट्री में हैं। फिलहाल वे साउथ अफ्रीका में हैं। भाई हर्ष भी साउथ अफ्रीका के तंजानिया में काम कर रहा था। फिलहाल वह भोपाल में है।

रीना के माता-पिता ने ये भी बताया कि इंदौर में उसकी शादी हुई थी। शादी के करीब 5 महीने तक वह ससुराल में रही। दीक्षा 2010 में ली, लेकिन नाम बदला 2020 में दैनिक भास्कर से बातचीत में रीना ने बताया था कि 2010 में ही दीक्षा ले ली थी, लेकिन घर-परिवार की जिम्मेदारी के चलते वह परिवार के साथ रही। फिर 2020 में उसने विधिवत अपना नाम रीना रघुवंशी से बदलकर साध्वी लक्ष्मीदास कर दिया।

महंत कनकबिहारी दास से जुड़ाव के सवाल पर रीना ने बताया था- मेरे पिता 2010 से उनसे जुड़े थे। महंत कनकबिहारी दास का घर आना-जाना था। मैं 2020 से ही साध्वी हो गई। महंत कनकबिहारी दास के कहने पर ही विवाह विच्छेद किया था।

लक्ष्मीदास के इस तर्क पर कनकधाम के वरिष्ठ सदस्य चक्रपाल पटेल कहते हैं कि 2022 में विदिशा के गमाकर गांव में कनकबिहारी दास महाराज यज्ञ करने पहुंचे थे, उसी दौरान लक्ष्मी उनके संपर्क में आई थी। लक्ष्मी पर आश्रम से जुड़े दूसरे लोगों को पहले से ही संदेह था।
नए महंत ने की थी थाने में शिकायत

महंत कनकबिहारी दास के बैंक अकाउंट से 90 लाख रुपए निकालने के मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब चौरई की एसबीआई ब्रांच में रीना ट्रांजेक्शन करने पहुंची। इस दौरान उसे गांव के कुछ लोगों ने देख लिया था। इसके बाद बैंक में भी पूछताछ की।

10 जुलाई को गांववालों ने मंदिर से जुड़े लोगों को बताया। इसके बाद 12 जुलाई को मंदिर के नए महंत श्याम दास जी महाराज और चक्रपाल सिंह पटेल ने चौरई थाने में शिकायत की। 
महंत कनकबिहारी ने राम मंदिर के लिए 1 करोड़ का चंदा दिया था

महंत कनकबिहारी उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के लिए 1 करोड़ रुपए का चंदा दिया था। 17 अप्रैल 2023 को नरसिंहपुर के बरमान घाट के पास सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी। रघुवंशी समाज में उनके लिए विशेष आस्था थी।

कनकबिहारी दास महाराज ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए रघुवंशी समाज से 111 करोड़ रुपए एकत्र कर दान करने का संकल्प लिया था। 2021 में उन्होंने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को 1 करोड़ 11 लाख का चेक दिया था।

वे फरवरी 2024 में अयोध्या में 9009 कुंडीय श्रीराम यज्ञ भी करने वाले थे, जिसमें सभी यजमान रघुवंशी समाज से होने का प्रस्ताव समाज के मध्य रखा गया था। जिसकी तैयारियों के लिए वो नरसिंहपुर गए थे और लौटते समय तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को 1 करोड़ 11 लाख का चेक दिया था।

वे फरवरी 2024 में अयोध्या में 9009 कुंडीय श्रीराम यज्ञ भी करने वाले थे, जिसमें सभी यजमान रघुवंशी समाज से होने का प्रस्ताव समाज के मध्य रखा गया था। जिसकी तैयारियों के लिए वो नरसिंहपुर गए थे और लौटते समय सड़क हादसे का शिकार हो गए। उनका मुख्य आश्रम छिंदवाड़ा में है।

90 लाख हड़पने वाली साध्वी की जमानत खारिज, बैंक ने कोर्ट में पेश किए सबूत
छिंदवाड़ा के कनकधाम आश्रम के महंत कनकबिहारी दास की मृत्यु के बाद उनके बैंक अकाउंट से 90 लाख रुपए हड़पने की आरोपी साध्वी लक्ष्मीदास की अग्रिम जमानत खारिज हो गई है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि खुद को साध्वी लक्ष्मीदास बताने वाली रीना रघुवंशी ने महंत के बैंक अकाउंट से 56 लाख रुपए भोपाल के यस बैंक में अपने अकाउंट में ट्रांसफर किए, दरअसल, 12 जुलाई को कनकधाम आश्रम के पदाधिकारियों ने छिंदवाड़ा के चौरई थाने में साध्वी के खिलाफ पैसा हड़पने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

उससे पहले साध्वी ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इसमें कहा था कि महंत कनकबिहारी दास ने उसे बैंक अकाउंट का नॉमिनी बनाया था। सुनवाई के दौरान बैंक की तरफ से कोर्ट में दस्तावेज पेश किए गए। इसमें खुलासा हुआ कि कनकबिहारी दास ने किसी को नॉमिनी नहीं बनाया था।

कोर्ट ने इसी आधार पर जमानत याचिका खारिज की यानी महंत के अकाउंट से पैसा साध्वी ने ही निकाला है, ये बैंक दस्तावेज से साबित हो रहा है।
31 दिसंबर 2023 को अकाउंट से 1 रु. निकाला, 19 जनवरी को 50 लाख

महंत कनकबिहारी दास की 17 अप्रैल 2023 को एक सड़क हादसे में मृत्यु हो गई थी। वे नरसिंहपुर से छिंदवाड़ा लौट रहे थे। बरमान घाट के पास उनकी गाड़ी दुर्घटना का शिकार हो गई। कनकबिहारी के 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक के बैंक अकाउंट स्टेटमेंट के मुताबिक, 24 जून 2024 तक उनके अकाउंट में करीब 90 लाख रु. जमा थे। 6 महीने तक अकाउंट से कोई पैसा नहीं निकला।

31 दिसंबर 2023 को इस अकाउंट से 1 रु. निकाला गया। इसके बाद 1 जनवरी 2024 से लेकर 18 जनवरी 2024 तक कई किस्तों में 11 लाख 57 हजार रु. निकाले गए। 19 जनवरी को एक साथ 50 लाख रु. निकाले और इसी तारीख को जमा भी कर दिए। 
अगले 13 दिन में यानी 2 फरवरी 2024 तक 67 लाख रु. अकाउंट से निकाले गए। 2 फरवरी को महंत के अकाउंट में केवल 53 पैसे बचे थे। इसी दिन इसमें 5 रु. जमा किए और अगले दिन 3 फरवरी को 4 लाख 99 हजार रु. जमा हुए।

6 फरवरी को अकाउंट से फिर 5 लाख रु. निकाले गए। 12 फरवरी को बैंक ने 5 लाख रु. पर ब्याज के रूप में 20 हजार रु. जमा किए। 12 फरवरी को ये 20 हजार रु. भी निकाल लिए।

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