सहारा जमीन घोटाले में EOW में FIR, भोपाल, जबलपुर, कटनी की 1000 करोड़ की जमीनें 98 करोड़ में बेची थी
सहारा जमीन घोटाले में EOW में FIR, भोपाल, जबलपुर, कटनी की 1000 करोड़ की जमीनें 98 करोड़ में बेची थी
मध्यप्रदेश के भोपाल, जबलपुर और कटनी में हुए सहारा जमीन घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने शुक्रवार शाम को FIR दर्ज कर ली। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने एक्शन लिया है।
मध्यप्रदेश के भोपाल, जबलपुर और कटनी में हुए सहारा जमीन घोटाले को लेकर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने शुक्रवार शाम को FIR दर्ज कर ली। जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने एक्शन लिया है।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जांच में सामने आया है कि सहारा ग्रुप ने इन तीन शहरों में करीब 1000 करोड़ रुपये की जमीन को सिर्फ 98 करोड़ रुपये में बेच दिया था। इस बिक्री में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया। इतना ही नहीं, ग्रुप ने जमीन बेचकर मिले पैसों को सेबी-सहारा रिफंड खाते में भी जमा नहीं कराया। आरोप है कि इस पूरे मामले में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है। इस मामले की शिकायत आशुतोष मनु दीक्षित ने की थी।
सहारा ग्रुप की जमीन घोटाले की शिकायत के बाद फरवरी में ईओडब्लू ने जांच शुरू की। इस दौरान व्यापक जांच और पूछताछ के बाद मामले में FIR दर्ज कर ली गई। आरोप है कि भोपाल और सागर में जमीन बिक्री की राशि 62.52 करोड़ को SEBI-Sahara खाते में जमा नहीं कराया गया। जबलपुर, कटनी और ग्वालियर में भी करोड़ों की हेराफेरी की गई।
सहारा ग्रुप ने कई शहरों में सहारा सिटी बनाने के नाम से जमीनें खरीदीं थीं। सुप्रीम कोर्ट व भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानि SEBI द्वारा ग्रुप को इस शर्त पर प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति दी गई थी कि प्राप्त राशि से निवेशकों का पैसा लौटाना होगा। इसके लिए जमीनों के खरीदार को मुंबई के बैंक ऑफ इंडिया के सेबी-सहारा रिफंड खाता नंबर 012210110003740 में सीधे पैसे जमा कराने का प्रावधान था लेकिन सहारा ग्रुप ने शैल कंपनियों में राशि जमा करा दी। इस प्रकार जमीन बेचने के बाद भी निवेशकों को राशि नहीं दी।
EOW की जांच में यह भी पता चला है कि जबलपुर और कटनी की जमीन बिक्री के फैसलों में कॉर्पोरेट कंट्रोल मैनेजमेंट प्रमुख (CCM) सीमांतो रॉय सीधे तौर पर शामिल थे। भोपाल में जमीन सौदों के पैसों के लेन-देन और फैसलों में डीएमडब्ल्यू भोपाल के डीजीएम जेबी रॉय की सक्रिय भूमिका थी। वहीं, सागर के ज़मीन सौदे के फैसलों में सहारा के लैंड डिविजन के प्रमुख और डिप्टी मैनेजिंग वर्कर ओपी श्रीवास्तव भी शामिल पाए गए हैं।