385 एक सदी का सब्र टूटा- बुजुर्ग किसान ने उठाई प्रशासन पर उंगली“, पूछा कब आएंगे SDM साहब?


एक सदी का सब्र टूटा- बुजुर्ग किसान ने उठाई प्रशासन पर उंगली“, पूछा कब आएंगे SDM साहब?

कटनी, स्लीमनाबाद (मध्यप्रदेश)
“अब और नहीं, बहुत हो गया साहब 100 बरस का हो गया हूं, ज़मीन मेरी है, लेकिन आपके सरकारी कागजों में से मेरा नाम गायब है ! साहब कब मिलेंगे? तारीख पर तारीख मिल रही है, पर इंसाफ कब मिलेगा ?“
जहां एक ओर कटनी जिले के मुखिया कलेक्टर दिलीप यादव "जन संवाद" जैसी कार्यक्रम के माध्यम से आम लोगों को सुविधा पहुचा रहे हैं! जिनके प्रशासनिक कम लंबित हैं वह जनसंवाद के माध्यम से सुनकर निराकरण कर रहे हैं! इस अभियान की लोगों में कलेक्टर कटनी के प्रति चर्चा का विषय है और अभियान की सराहना करते आमजन नहीं थकते, वहीं दूसरी ओर एसडीएम बहोरीबंद राकेश चौरसिया की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैl

दरअसल एक मामला स्लीमनाबाद तहसील के ग्राम तिहारी से आया है उनके दर्दभरे शब्द हैं 65 वर्षीय बुजुर्ग तिहारी निवासी किसान अपने चाचा जिनकी उम्र लगभग 100 वर्ष की है उन्हें  लेकर  स्लीमनाबाद तहसील में लगने वाली SDM कोर्ट की पेशी पर आये थे, उनका कहना है की हमारी जमीन से पटवारी ने खसरा से नाम ही हटा दिया है उसी को सही कराने अपने बुजुर्ग चाचा को लेकर आया हूँ और एस डी एम साहब केवल पेशी पर पेशी देते जा रहे है आज मैं तीसरी बार आया हूॅ।  सुबह से शाम तक इंतजार करता हू साहब शाम को आते है पेशी बढ़ाते है। बस, 100 साल के बुजुर्ग चाचा  अपनी पीड़ा बताते हुई कहते है कि न ही मुझे दिखाई पड़ता है, और न ही सही से चल पा रहा हूँ। उम्र के इस पड़ाव पर, जहां मेरा शरीर सिथिल हो गया है, मैं न्याय की मांग करता हँ । उनका कहना है, मैं अपनी पुश्तैनी खेत की जमीन के लिए महीनों से SDM साहब के चक्कर  काट रहा हूँ। जबकि स्लीमनाबाद में सप्ताह के दो दिन गुरुवार और शुक्रवार को एस डीएम कोर्ट लगने का प्रावधान है मगर अब सप्ताह में सिर्फ एक दिन कोर्ट लगती है वो साहब है मर्जी मालिक है आज की हमारी पेशी है। हम लोग सुबह 11 बजे से आकर बैठे है एस डी एम साहब का कोई पता नही जबकि अभी शाम का लगभग 4 बजने जा रहे है, अभी तक एसडीएम साहब का पता  नही है । लोग बताते है 5 बजे तक एस डीएम साहब आएंगे और पेशी की अगली तारीख देकर चलते बनेंगे । हमारे जैसे सैकड़ो की संख्या में किसान  एसडीएम साहब का इंतजार कर रहे है वही वकीलों ने भी आरोप लगया की  SDM कोर्ट में सिर्फ पेशी बढ़ाई जाती है सैकड़ो की संख्या में किसान बैठे है पूरा दिन बैठने के बाद शाम को पता चलता है कि पेशी बढ़ गयी हैं इस तरह की लचर व्यवस्था के चलते कई सवाल खड़े होते है वही व्यवस्था को लेकर वकीलों के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौपा गया । माँग की गई है कि स्लीमनाबाद SDM कार्यलय में नियमित SDM Court लगे वही पेशी में आए किसानों को मूलभूत सुविधायें उपलब्ध हो ,  वहीं वकीलों का कहना है कि तहसील परिसर में गैर सरकारी लोग जो दलाली का काम कर रहे है उन्हें तत्काल प्रभाव से बाहर का रास्ता दिखाया जाए ।वही वकीलों ने कलेक्टर दिलीप यादव पर भरोसा जताते हुए कहा कि कलेक्टर साहब  जरूर मामले को संज्ञान में लेते हुए उचित कार्यवाही करेंगे

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