396 सिहोरा में आयोजित पाल समाज के कार्यक्रम में समाज की महिलाओं का हुआ अपमान ?


सिहोरा में आयोजित पाल समाज के कार्यक्रम में समाज की महिलाओं का हुआ अपमान ?



सिहोरा में अखिल भारतीय गड़रिया महासभा लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर मंच भारत के द्वारा नारी शक्ति सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कोडी लाल पाल के पुत्र विनय पाल के द्वारा कार्यक्रम आयोजन कराया गया जिसे बहुत ही सराहनीय कार्य  सामाजिक बंधुओ ने माना

कार्यक्रम का विश्लेषण


नारी शक्ति सम्मेलन कार्यक्रम के मंच का संचालन राजेश श्रीपाल के द्वारा किया गया कार्यक्रम में सैकड़ो की तादाद में पाल समाज की महिला एवं पुरुष ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया समाज  एकता के सूत्र में बंधा नजर आता दिखा

पाल समाज की एक भी महिला को मंच से अपना वक्तव्य रखने का मौका नहीं दिया गया

दरअसल बताया यह जा रहा है कि यह पूरा कार्यक्रम नारी शक्ति सम्मान यह कहा जा सकता है कि महिलाओं को प्रोत्साहित करना एवं समाज की महिलाएं कैसे जागरूक हो समाज की महिलाओं की धारणा और विचार क्या है इसको लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । कार्यक्रम में आई महिलाओं का सम्मान एक  प्रशस्ति पत्र दे कर किया गया । मगर दुर्भाग्य की बात यह है की पाल समाज की एक भी महिला को मंच से अपना वक्तव्य रखने का मौका ना दिया जाना कहीं ना कहीं नारी सम्मान का अपमान नजर आता दिखाई दिया । जबकि वहीं दूसरे समाज की महिला को प्रमुख वक्ता बनाया गया । क्या यह संगठन पाल समाज की महिलाओं को इस लायक नही समझता कि वो मंच से अपने समाज के विकास , नारी शक्ति के बारे में दो शब्द नही बोल सकती पाल समाज की महिलो को इतना हीन भाव से देखना अपने आप मे शर्म की बात है। क्या यह कहा जाना उचित होगा कि संगठन के द्वारा पाल समाज की महिलाओं का अपमान किया गया है ? वही पाल समाज की कुछ जागरूक महिलाएं ,नारी शक्ति सम्मान के नाम पर अपने आप को ठगी हुई महसूस कर रही थी आखिरकार इस तरह की गतिविधियों से पाल समाज कहां तक आगे बढ़ पाएगा यह एक बड़ा प्रश्न खड़ा होता है 

मंच पर रहा दोनों भाइयों का कब्जा

लोग दबी जवान यह भी कहते हुए नजर आए , इस  कार्यक्रम मे संगठन मंत्री राजेश श्रीपाल एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष मोतीलाल श्रीपाल का मंच में पूरी तरह कब्जा नजर आता दिखाई दिया सैकड़ो की तादात में आए सामाजिक भाई ,बहन यह देखते रह गए कि आखिरकार मंच से समाज के अन्य लोगों को भी समाज के बारे में ,समाज के विकास के लिए, समाज के उत्थान के लिए, अपनी अपनी राह रखने का अवसर अवश्य दिया जाएगा मगर ऐसा होता हुआ नजर नहीं आया मंच से राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा संगठन मंत्री राजेश श्रीपाल और भोपाल से आए एक वक्त ने अपना वक्तव्य दिया। इससे साफ जाहिर होता है । दबी जुवान में लोगों में चर्चा थी कि मंच पर सिर्फ दोनों भाइयों का कब्जा है आखिरकार इस तरह की गतिविधियों से समाज को या समाज के विकास के लिए कौन सी गति मिलने वाली है समाज के हित के लिए समाज के विकास के लिए ऐसी कोई भी सार्थक चर्चा इस कार्यक्रम में न होना कहीं न कहीं लोगो के मन में असमंजस की लकीर खीचती है

पाल समाज के लोग समझ नहीं पाए कि कार्यक्रम धार्मिक था या सामाजिक

लोगों में चर्चा यह भी थी की कार्यक्रम सामाजिक है या धार्मिक लोगों ने काफी समझने की कोशिश की ,लेकिन एक तरफा धार्मिक वातावरण  कार्यक्रम के अंदर पूरे समय बना रहा सामाजिक बंधु यही नहीं समझ पा रहे थे कि आखिरकार यह कार्यक्रम नारी शक्ति सम्मेलन का है ,या कोई धार्मिक प्रवचन का आखिरकार सैकड़ो की तादाद में बैठे समाज के लोग यही इंतजार कर रहे थे कि कब सामाजिक चर्चाएं होगी समाज के विकास की कुछ चर्चाएं होगी लेकिन ऐसा होता कुछ भी नजर  नहीं आया। जिसके चलते समाज के लोगो  में एक चर्चा का विषय बना रहा वहीं लोगों का मानना है कि आखिरकार इस तरह के कार्यक्रम से समाज को क्या लाभ होने वाला है

कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता रहे दादा गुरु

दादा गुरु ने अपने वक्तव्य में पाल समाज गडरिया समाज को नसीहत दी कि आप अपने पुराने पैत्तिक व्यवसाय ,यह भी कहा जा सकता है की भेड़ पालन गाय पालन भैंस पालन में वापस लौट जाए तभी आपका विकास होगा पूरे  कार्यक्रम का निष्कर्ष यही था
अगर समाज के लोग दादा गुरु की बातों को मानते हैं तो फिर जहां से शुरू होकर आज यहां तक पहुंचे हैं फिर वापस वही जाना पड़ेगा क्योंकि पशुपालन के लिए शहर में या शहर के भीतर तो अनुमति नहीं मिलने वाली है आखिरकार फिर जंगलों का रुख करना पड़ेगा और अब जंगल  भी नहीं  बचे है यह भी कहा जा सकता है की अगर कार्यक्रम में दी हुई नसीहत समाज के लोग मानते हैं तो जो हमारे समाज के भाई-बहन बड़े-बड़े शहरों में या छोटे कस्बो में रह रहे हैं। उन्हें अब जंगल का रुख करना पड़ेगा जहां ना अच्छी शिक्षा मिल सकती है। ना अच्छा वातावरण मिल सकता है । 
अब आप ही लोग सोचिए इस कार्यक्रम के माध्यम से ऐसी शिक्षा मिल रही है जिससे हमारे समाज के भाइयों को सैकड़ो साल पीछे जाना पड़ सकता है हैं
जबकि  समाज के विकास का सिर्फ और सिर्फ एक ही माध्यम है शिक्षित होना जब तक उच्च शिक्षा अच्छी शिक्षा अच्छा स्वास्थ्य नहीं मिलेगा तब तक समाज देश और शहर  विकास नहीं कर सकता यह एक कटु सत्य है इसे हर समाज के व्यक्तियों को स्वीकारना होगा

Badi Khabar