लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल धर्म और जाति के नाम पर अपनी बिसात बिछाने में जुटे हुए हैं. इन सबके बीच रोचक तथ्य यह है कि यूपी में पिछले पांच विधा
नसभा चुनाव के दौरान सरकार उसी की बनी, जिसने अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर अपनी पकड़ बनाई. इस बार भी सत्ता की चाबी इन्हीं सीटों में छिपी हुई है.
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यूपी चुनाव: अल्पसंख्यक बहुल सीटों में छिपी सत्ता की चाबी!
By: एजेंसी | Last Updated: Thursday, 19 January 2017 9:48 PM
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यूपी चुनाव: अल्पसंख्यक बहुल सीटों में छिपी सत्ता की चाबी!
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल धर्म और जाति के नाम पर अपनी बिसात बिछाने में जुटे हुए हैं. इन सबके बीच रोचक तथ्य यह है कि यूपी में पिछले पांच विधानसभा चुनाव के दौरान सरकार उसी की बनी, जिसने अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर अपनी पकड़ बनाई. इस बार भी सत्ता की चाबी इन्हीं सीटों में छिपी हुई है.
राम मंदिर आंदोलन की वजह से बदलती गईं परिस्थतियां
यूपी में पिछले कई चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह बात सही साबित होती है. साल 1991 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर विपक्षियों को मात दी थी, लिहाजा उसकी सरकार बनी थी. बाद में मंदिर आंदोलन की वजह से परिस्थतियां बदलती गईं और अल्पसंख्यक बहुल सीटों से बीजेपी की पकड़ ढीली होती गई.
साल 1991 के विधानसभा में बीजेपी को 122 अल्पसंख्यक बहुल सीटों में से 76 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस सात सीटें जीती, जबकि एसपी केवल एक सीट ही जीत पाई थी. 38 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.
कांग्रेस को छह सीटों पर मिली थी जीत
1993 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने इन सीटों पर अपना एकाधिकार बनाए रखा था. इस बार बीजेपी को 69 सीटें मिलीं, जबकि एसपी को 31 सीटें मिली थीं. बीएसपी ने पांच सीटों पर जीत दर्ज कराई थी. कांग्रेस को छह सीटों पर जीत मिली थी. अन्य के खाते में 16 सीटें गई थीं.
1996 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर जीत हासिल की. जीत का आंकड़ा हालांकि इस घट गया. कुल 128 अल्पसंख्यक बहुल सीटों में से बीजेपी को 59 सीटें, एसपी को 43 सीटें, और बीएसपी को 13 सीटें मिली थीं. सात सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते थे.
मुलायम सिंह के नेतृत्व में बनाई सरकार
साल 2002 के चुनाव में एसपी ने अल्पसंख्यक बहुल सीटों पर पिछले चुनावों की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया, लिहाजा एसपी की सरकार बनी. सूबे की 129 अल्पसंख्यक बहुल सीटों में से एसपी को 43 सीटें मिलीं और उसने मुलायम सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई. इस चुनाव में बीएसपी को 24 सीटें और बीजेपी को 32 सीटें मिली थीं.
साल 2007 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने अल्पसंख्यक बहुल 59 सीटों पर जीत हासिल की और मायावती की सरकार बनी. दूसरे नंबर पर एसपी रही, जिसने 26 सीटों पर कब्जा जमाया. इस चुनाव में बीजेपी अपना पिछला प्रदर्शन भी नहीं दोहरा पाई और उसे केवल 25 सीटों पर जीत हासिल हुई. कांग्रेस को सात और आरएलडी को छह सीटें मिलीं.