उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आज महागठबंधन का ऐलान हो सकता है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर बातचीत फाइनल स्टेज में हैं और लगभग अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई है. आरएलडी हालांकि, अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है लेकिन सूत्रों के अनुसार केवल कांग्रेस के साथ उसके गठबंधन को लेकर अंदरखाने बात चल रही है. हालांकि, वह महागठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी.
गठजोड़ में ये आ रहीं दिक्कतें
कांग्रेस के साथ बातचीत में आरएलडी 40 सीटों की मांग कर रही है लेकिन वह 25 सीटों पर मान सकती है. सूत्रों के अनुसार सपा ने कांग्रेस को आरएलडी को 20 सीटों पर मनाने को कहा है. इस 20 में से भी 3 सीटों पर बीएसपी की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है. हालांकि, सूत्र ये भी बता रहे हैं कि रामगोपाल यादव आरएलडी को महागठबंधन का हिस्सा बनाने के खिलाफ हैं.
कांग्रेस को कितनी सीटें?
सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी कांग्रेस के लिए 103 सीटें छोड़ सकती है. हालांकि, फिर कांग्रेस को ये फैसला करना है कि वह अपने कोटे की सीटों पर चाहे अपने प्रत्याशी उतारे या किसी दल को अपने कोटे की सीटों पर चुनाव लड़ाए. आरएलडी के साथ इसी कोटे के तहत कांग्रेस गठबंधन कर सकती है.
सपा-आरएलडी में क्यों बनी दूरी?
पहले खबरें थी कि आरएलडी अपने लिए 40 सीटें चाह रही है लेकिन सपा 20 से ज्यादा देने के तैयार नहीं है. समाजवादी पार्टी के आकलन के अनुसार पश्चिमी यूपी में हाल के दिनों में हुए धार्मिक ध्रुविकरण के कारण जाट और मुस्लिम समुदाय एक साथ वोट नहीं करेंगे इसलिए सपा चुनाव से पहले आरएलडी के साथ दिखना नहीं चाह रही.
आरएलडी का क्या होगा रुख?
गुरुवार को दिल्ली में आरएलडी के महासचिव त्रिलोक त्यागी ने ऐलान किया कि आरएलडी यूपी चुनाव में अकेले उतरेगी. हालांकि, सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के साथ आरएलडी की बैक चैनल बातचीत जारी है और केवल कांग्रेस के साथ उसका गठबंधन हो सकता है. जानकार इसे आरएलडी की दबाव की राजनीति भी बता रहे हैं.