अगर आप मलेशिया के बाटू गुफा मंदिर के बाहर खड़े हों तो आपको ऐसा लगेगा है जैसे तमिलनाडु के किसी मंदिर में खड़े हों. दक्षिण भारतीय शैली से सजे गोपुरम, भगवान मुरुगन की विशाल मूर्ति और पूजा की सामग्री बेचने वाली दुकानें. ऐसा माहौल जो भारत के किसी दक्षिण भारतीय मंदिर में दिखाई देता है. लेकिन यह जगह भारत से हजारों किलोमीटर दूर मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर के पास है.
बाटू गुफा मलेशिया में रहने वाले लाखों तमिल हिन्दुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थ है. ये गुफा मलेशिया में पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है. कुआलालम्पुर जाने वाले पर्यटक इस गुफा मंदिर को देखने ज़रूर जाते हैं.
गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 272 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं. ऊपर पहुंचकर दिखाई देती है चूना पत्थर की बनी विशाल गुफा, जो करीब 100 मीटर ऊंची है.
ईश्वर में आस्था न भी हो तो इस गुफा के भीतर जाने पर कुछ अलग अहसास ज़रूर होता है. ऐसा लगता है कि जैसे पहाड़ को काटकर बनाए किसी विशाल हॉल में आ गए हों.
गुफा के अंदर भगवान मुरुगन का मंदिर बना है. मुरुगन भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं. इसके अलावा भी गुफा में बहुत से हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां लगी हैं और कई छोटे मंदिर भी बने हैं.